tag:blogger.com,1999:blog-1090916228454409284.post1610870895172275011..comments2023-10-26T16:24:11.647+05:30Comments on कमला कृति: हम पत्थर एवं अन्य कविताएं-सुरेन्द्र भसीन kamlakritihttp://www.blogger.com/profile/17512215053997016970noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1090916228454409284.post-45203691524346794952017-07-19T21:38:24.225+05:302017-07-19T21:38:24.225+05:30हार्दिक आभार मयंक जी..हार्दिक आभार मयंक जी..kamlakritihttps://www.blogger.com/profile/17512215053997016970noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1090916228454409284.post-71542853725489599082017-07-19T10:09:29.954+05:302017-07-19T10:09:29.954+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरूवार (20...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरूवार (20-07-2017) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> ''क्या शब्द खो रहे अपनी धार'' (चर्चा अंक 2672) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com