tag:blogger.com,1999:blog-1090916228454409284.post7012794501009406306..comments2023-10-26T16:24:11.647+05:30Comments on कमला कृति: पंकज त्रिवेदी की कविताएंkamlakritihttp://www.blogger.com/profile/17512215053997016970noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1090916228454409284.post-65070126399321519622014-07-17T22:02:13.517+05:302014-07-17T22:02:13.517+05:30सम्माननीय मंजुला जी,
आपकी अमूल्य टिप्पणी से मुझे ब...सम्माननीय मंजुला जी,<br />आपकी अमूल्य टिप्पणी से मुझे बहुत खुशी है.. मैं ह्रदय से आपका आभारी हूँ <br />- पंकज त्रिवेदी Pankaj Trivedihttps://www.blogger.com/profile/13825761046315674437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1090916228454409284.post-79064050424887654542014-07-17T13:19:23.004+05:302014-07-17T13:19:23.004+05:30" मिटटी और माँ " को लेकर कवि की संवेदन..." मिटटी और माँ " को लेकर कवि की संवेदनशीलता कविता में उभर आई है I दोनों ही शब्द हर एक व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं I मैं देखना चाहता हूँ " कविता में कवि ने अपने मनोभावों को खूबसूरती से दर्शाया है I अपना ह्रदय खोल के दिखाया है I रिश्ते जन से होते हैं ....रिश्ते मन से होते हैं ...मन के रिश्ते शाश्वत होते हैं I सुंदर भाव , सुंदर सोच , सुंदर अभिव्यक्ति ...I पंकज त्रिवेदी जी को बधाई IAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/17391401278252778445noreply@blogger.com