चित्र गूगल सर्च इंजन से साभार |
चौपाई/ वात्सल्य
कथा भिखारिन हैं दुखदायी,कथन करूँ तो प्राण उबायी।।
मानव सी बस सूरत पायी,सब मिल शोषक करे हँसायी।।
बच्चे तन वसन नही मिलते,मात पिता विवश किसे कहते।।
दूध कहाँ वात्सल्य मिलता,सरल कुसुम सा सुख बहु खिलता।।
सर्दी वर्षा माँ तन मन छिपके,बालक ममता जीवन महके।।
भाग करम जग अंधा रसिया,देख दशा मन भीतर छलिया।।
फूल खिले नवरस तन महकत,कीचड़ लिपटी बालक हसरत।।
आँचल ढकी मनहरण ममता,कुसुम लता मिल सांसे भरता।।
दिव्य नही यह ममता भोली,साधनविहीन लगती बोली।।
कब भर चेतन माँ का आँचल,बाल दूध से होगा माँसल।।
मत हँसो विवश घनी ममता,नन्हा बाल कुपोषित मरता।।
शोषित माँ का दुख कब जाना,वात्सल्य रस भरा खजाना।।
चौपाई-निर्दयता/क्रूरता
क्रूर भाव से मानव पातक,जीवन उसका दाहक घातक।।
निर्दयता मे ही रस पाता,मानव रूपी पशुता नाता।।
सूली जीसस को लटकाता,छल बल से सच्चे मरवाता ।।
हाथ पेर जब कटते सच के,समझो वह हैं निर्दय झटके।।
मंसूर जगे आत्मा सूली,पीडा भी प्रभु रस में भूली।।
मानव है अति दानव जानो,काम क्रोध लालच विष मानो।।
जब भी मतलब उठता मन में,मानव निर्दय बनता पल में।।
छप्पय छंद
मृदुल प्रकृति रस राग,लावण्य मोहक निखरे।
पवन बहे अनुराग, अलौकिक माया उभरे।
अनंत सौंदर्य राज, प्रभात लालित्य बिखरा।
भीतरी उन्माद भाव,विराट संग मिल निखरा।
खोया जीवन ताजगी में,दिव्य ज्योतिमय भावना।
सतगुरू चरण तन प्राण मे, असीम जागी साधना।।
जीवन बंधन जान,फसा मन मंझधार मे।
मोहिनी रूप जाल,बहा तेज दुख ताल मे।
बंधन बनता राग, वैभव सुख आशा भरी।
आखिर पाता दोष, तृष्णा फल झूठन भरी।
भावी मृत्यु भय फिर बंधे,कल्पित चिंतन दुख सहे।
मानव मन झूठ संग जुडे,राग भय बंध मे बहे।।
छगन लाल गर्ग 'विज्ञ'
- जन्मतिथि :13 अप्रैल 1954
- जन्म स्थान : गांव-जीरावल तहसील-रेवदर जिला-सिरोही (राजस्थान )।
- पिता : श्री विष्णु राम
- शिक्षा : स्नातकोतर (हिन्दी साहित्य)।
- राजकीय सेवा : 1978 से 1990 वरिष्ठ अध्यापक । 1991 से 2008 प्राध्यापक (हिन्दी साहित्य ) 2009 से 2014 प्रधानाचार्य। 30 अप्रैल 2014 को राजकीय सेवा से निवृत्त ।
- प्रकाशित पुस्तके : "क्षण बोध " (काव्य संग्रह), "मदांध मन" (काव्य संग्रह),"रंजन रस" (काव्य संग्रह), "अंतिम पृष्ठ" (काव्य संग्रह)।
- प्रकाशन: अनेकानेक साहित्य पत्र-पत्रिकाओ व समाचार पत्रों में कविता व आलेख प्रकाशित।
- वर्तमान मे: बाल स्वास्थ्य एवं निर्धन दलित बालिका शिक्षा मे सक्रिय सेवा कार्य।
- सम्मान : "हिन्दी साहित्य गौरव सम्मान, तुलसी काव्य सम्मान, काव्य कलश सम्मान, श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान।
- संपर्क : 2 डी 78 राजस्थान आवासन मंडल, आकरा भट्टा, आबूरोड, सिरोही (राजस्थान )।
- मोबाइल: 9461449620
- ईमेल : Chhaganlaljeerawal@gmail.com
हृदय तल से आभार संग नमन आदरणीय डाँ.श्री रूप चन्द्र शास्त्री "मंयक" जी ।
जवाब देंहटाएंहृदय तल से आभार संग नमन आदरणीय डाँ.श्री रूप चन्द्र शास्त्री "मंयक" जी ।
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (08-07-2018) को "ओटन लगे कपास" (चर्चा अंक-3026) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
हार्दिक आभार मयंक जी..
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