कमला कृति

मंगलवार, 19 जुलाई 2016

परिक्रमा: लेखक और पाठक के बीच एक सार्थक पुल बना रहा है स्‍टोरीमिरर-राजेंद्र गुप्ता


मुंबई में वरिष्ठ कहानीकार संतोष श्रीवास्तव को सम्मानित
करते प्रसिद्ध अभिनेता
राजेंद्र गुप्ता

                     वरिष्ठ कहानीकार संतोष श्रीवास्तव का सम्मान


                मुंबई के मणिबेन नानावटी महाविद्यालय में 16 जुलाई 2016 की शाम एक भव्य आयोजन में प्रसिद्ध अभिनेता राजेंद्र गुप्ता ने वरिष्ठ कहानीकार संतोष श्रीवास्तव को हिंदी कहानी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने के उपलक्ष्य में 50000 रुपये और प्रतीक चिह्न दे कर सम्मानित किया। इस अवसर पर राजेंद्र गुप्ता ने स्‍टोरीमिरर परिवार को बधाई देते हुए कहा कि  स्‍टोरीमिरर एक बहुत अच्छा काम कर रहा है कि वह गिफ्ट ऑफ नॉलेज के जरिए कहानी और कविता को घर-घर में पहुंचा रहा है। हमारे देश में एक बहुत बड़ा पाठक वर्ग है जिस तक किताबें नहीं पहुंच पातीं। किताबें उन तक पहुंचाने के लिए नये तरीके अपना कर स्‍टोरीमिरर लेखक और पाठक के बीच एक सार्थक पुल बना रहा है।

              स्‍टोरीमिरर के सीईओ बिभु राउत ने इस अवसर पर कंपनी के विजन और मिशन की बात की और कहा कि हम चाहते हैं कि हर घर में कम से कम एक पाठक तैयार करें और जो किताबें लिखी जा रही हैं उन्हें अपने प्रयासों से उन तक पहुंचाएं। 

              संतोष श्रीवास्तव ने किताबें खरीदकर पढ्ने की आदत पर बल देते हुए कहा कि पाठक और लेखक के बीच का सेतु किताबें ही होती हैं। स्टोरी मिरर.कॉम इस दिशा में बेहतरीन काम कर रहा है।सबसे बडी बात यह है कि ईमेल द्वारा ये बताये बिना कि कोई इस प्रकार की कहानी प्रतियोगिता भी वे आयोजित करते है वे लेखकों से रचनाएँ आमंत्रित करते हैं। उन्होने अपनी कहानी “शहतूत पक गये हैं” का भावपूर्ण पाठ किया। कार्यक्रम में महानगर के लेखक, पत्रकार तथा महाविद्यालय के छात्र भारी संख्या में मौजूद थे।

प्रस्तुति: स्टोरीमिरर.कॉम


6 टिप्‍पणियां:

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  2. मोह सागर

    सुंदर मन।
    हरे भरे है वन।
    स्वस्थ जीवन।।

    भौतिक सुख।
    सब जी का जंजाल।
    मोह अंजान।।

    मन मोहिनी।
    चंचल चितवन।
    ये मोह जाल।।

    निःस्वार्थ प्रेम।
    प्रभु हरि दर्शन।
    सत्संगी मन।।

    काशी प्रयाग।
    करो मोह का त्याग।
    ये मोक्ष धाम।।

    मोह सागर।
    संयम रख मन।
    होगा ये पार।।

    ज्ञान का मार्ग।
    उत्तम है विचार।
    जीवन सार।।

    संतोष बरमैया "जय"
    कुरई, सिवनी, म.प्र.

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  3. मोह सागर

    सुंदर मन।
    हरे भरे है वन।
    स्वस्थ जीवन।।

    भौतिक सुख।
    सब जी का जंजाल।
    मोह अंजान।।

    मन मोहिनी।
    चंचल चितवन।
    ये मोह जाल।।

    निःस्वार्थ प्रेम।
    प्रभु हरि दर्शन।
    सत्संगी मन।।

    काशी प्रयाग।
    करो मोह का त्याग।
    ये मोक्ष धाम।।

    मोह सागर।
    संयम रख मन।
    होगा ये पार।।

    ज्ञान का मार्ग।
    उत्तम है विचार।
    जीवन सार।।

    संतोष बरमैया "जय"
    कुरई, सिवनी, म.प्र.

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