कमला कृति

गुरुवार, 5 मार्च 2015

रंग बरसे: रंग और व्यंग्य मोदी के संग-ओम नारायण शुक्ल



चित्र गूगल सर्च इंजन से साभार



होली की उमंग में..



होली की उमंग में
भंग की तरंग में
माननीय नरेन्द्र मोदी से
प्रस्ताव किया गया
कि आप प्रधानमंत्री तो बन गये
अब जनहित में
राष्ट्रपति पद का आगामी चुनाव लड़ियेगा
जनता के इस प्रस्ताव पर
गौर करियेगा
तभी मोदी जी झिड़कते हुये बोले
क्या बकते हो
तुम्हारे इस प्रस्ताव पर जमाना हंसेगा
जो आदमी " ठीक से "
एक औरत का पति नहीं बन सका
वो " राष्ट्रपति " कैसे बमेगा..!



उड़े अबीर-गुलाल..

 


उड़े अबीर-गुलाल रंग बदरंग न हो
ठी़क-ठ़ाक सब रहें कहीं हुड़दंग न हो

पर ऐसे रंगबाजों से  बच कर रहना
रंग खेलने का जिनमें कुछ ढंग न हो

गले मिलें सब और बढ़े भाईचारा
आज जरूरत है आपस में जंग न हो

दिल-दिमाग में रिश्ता बहुत जरूरी है
किन्तु रास्ता इनका बिलकुल तंग न हो

सफर जिन्दगी का मुस्काने क्या देगा
अगर अकेले हों कोई भी संग न हो

यह भी कोई बात हुई ठन्डाई में
सब कुछ तो हो केवल उसमें भंग न हो


वो टोली भी क्या टोली है होली में
"ओम"सरीखा जिसमें मस्त मलंग न हो



ओम नारायण शुक्ल


11/ए,चन्द्रा हार्डवेयर के पास
गोपाल नगर,कानपुर-208011
मो.09935272979
ईमेल-kavionashu@gmail.com

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