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चित्र गूगल सर्च इंजन से साभार |
देश सुन रहा है..
जो वह सुना रहे हैं,
वही देश सुन रहा है।
जो जो दिखा रहे हैं,
वही देश गुन रहा है।
हम लोग बहु पठित हैं,
कुछ वर्ग संगठित हैं।
लेकिन अपढ़ अभी भी,
मौजूद परिगणित हैं।
रमुआ का पढ़ा बेटा,
क्या चीज बुन रहा है।।1।।
सड़कों का शोर घर-घर,
आवाज दे रहा है।
भाषण की गूढ़ता का,
अनुवाद कर रहा है।
वोटर समेटने की,
दीवान चुन रहा है।।2।।
भूखा कहाँ पड़ा है,
सूखा कहाँ पड़ा है।
बेघर के पास जाकर,
लालच लिये खड़ा है।
तिकड़म की अंगणित में,
हरि भी निपुण रहा।।3।।
मुझसे लिखा नहीं जाता..
जो लिखवाना चाह रहे तुम,
मुझसे लिखा नहीं जाता है।।
स्वार्थ सिद्धि की जिसमें रव हो,
जीवित रहते जो मन शव हो।
उसकी कहनी लोक जगत में,
खुलकर कहा नहीं जाता है।।
सुलभ न हो जिस तरुवर के फल,

रसना के उन उच्छवासों में,
निधरक बहा नहीं जाता है।।
हम निर्जन में जन धन वाले,
अपने अन्तर उपवन वाले।
झूम झूमकर उसके रस में,
सुखमय स्वाद नहीं आता है।।
कल्प वृक्ष की हम पर दाया,
सदा सुहावन रहती छाया।
निर्मल रहना जीना सीखा,
कलुषित कर्म नहीं भाता है।।
हम हैं राह बनाते जाते,
सच सबको समझाते जाते,
सभी हमारे हम सबके हैं,
रखता मानवता से नाता।।
हरि नारायण तिवारी
बी-112, विश्व बैंक कालोनी,
बर्रा, कानपुर-27
मो. 9936770560
फोन 0512-2680865
हरि नारायण तिवारी
- जन्म-6 जून 1951
- पिता स्व.बलदेव तिवारी
- शिक्षा-एम ए (हिंदी) कानपुर विश्वविद्यालय
- प्रकाशित काव्य-दीपनगर सौन्दर्य, अमर बलिदानी ऊधम सिंह (उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा पुरस्कृत खंडकाव्य), वेणु शतक (उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा पुरस्कृत खंडकाव्य), अन्तर्दिशाएँ, गीतालोक आदि।
- अप्रकाशित काव्य-लहर लहर तक (खंडकाव्य), भारत दर्शन ( पर्यटन काव्य), अजीजन बाई (खंडकाव्य)
- विशेष- विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं द्वारा देश, प्रदेश में सम्मानित,पत्र-पत्रिकाओं में लेख, कविताएँ प्रकाशित
- स्थायी पता ग्राम-गौरा, पोस्ट-दियरा, जनपद-सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश)
- सम्पर्क-भी-112-113 विश्व बैंक कॉलोनी, बर्रा, कानपुर नगर-208027
- संप्रति- आज हिंदी दैनिक, 79/75, बांसमण्डी, कानपुर-01
- फोन-0512 2680865/ मोबाइल 09936770560
- ईमेल-Shaileshtiwari73@yahoo.com
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