कमला कृति

बुधवार, 28 जनवरी 2015

आशा पाण्डेय ओझा की कविताएं



चित्र गूगल सर्च इंजन से साभार



नदी

 


आखिर क्यों उफन जाती हैं नदियां
आखिर क्यों बिफ़र जाती है औरत
रोकी जायेगी जब  क्षमता उनकी
उजाड़ कर प्राक्रतिक प्रेमवृक्ष
बोये जायेंगे वासनाओं के  जंगल 
काट कर किनारे विश्वास पहाड़ के
खुरच-खुरच निकाली  जायेगी
मिट्टी जब नर्म अहसासों की
पाटे जायेंगे कोमल भावों के जलस्रोत
रोकेंगे पग -पग पर
बेवजह  बन्धनों के बाँध
जान जायेगी जब वो
अपने अस्तित्व को मिटाये जाने की
तमाम साजिशें
मात्र कूड़ाघर समझी जाने लगेगीं जब 
जीवनदात्रियाँ
मन की सुरम्यता तो होगी ही न अशांत
वेदना में डूबी केवल कराहेगी कब तक
एक रोज सीमाएं बढा लेगी  नदी
इक रोज क्षमताएं बढा लेगी औरत
आखिर उफनेगी नदी
आखिर बिफरेगी औरत



कहो ना क्यूं ?

 


मेरी देह की
मखमली दीवार पर
आये दिन गड़ती
असंख्य नजरों की कीलें
अंदर ही अंदर सिसकती हूँ
हर तरफ से बिंधी हुई मैं
टाँगना चाहता उस पर
अपनी वासना का रुमाल
कोई, कोई
टेकता इस पर
मैली इच्छाओं के हाथ
खींचता दर्द की लकीरें
कोई,कोई
खुरेचता विश्वास की पपड़ियाँ

कहो ना
क्यों उतारना चाहते हो
मुझ पर चढ़े
ये नाजुक अह्साओं के रंग
कोमल अह्साओं से विहीन
अखरुंगी ना
अंतत:
तुम्हारे ही मन की
आँखों को



ईश्वर और स्त्री



धीरे-धीरे मेरी ही तरह
तू भी एकला हो रहा है न इश्वर !
वो तेरी प्राण प्रतिष्ठा के गाजे बाजे
जलसे रौनक धूमधाम
पूरी तन्मयता से
तुझे स्थापित करने वाले
आते रहे फिर तेरे द्वार
आस्था में लिपटी लालसा लेकर
और मेरी बारात,शादी,विदाई
पगफैरा दो दिन का लाड कौड़
फिर मुझे ब्याह कर ले जाने वाले
अपनत्व में लिपटा स्वार्थ लेकर
उम्र भर चुप्पी के साथ
चाहते रहे सिर्फ मुझसे  काम
तू भी चुप मैं भी चुप
दोनों से सिर्फ प्रतिफल की कामना
तू गर दुआएं स्वीकारना बंद करदे
तू रह जाये सिर्फ पत्थर
धूल धूसरित जाले लटकता
परित्यक्त सा पड़ा रहेगा तेरा मंदिर
नदारद तेरा पुरोहित  
मैं काम करना छोड़ दूं तो
अनादरित प्रताड़ित पीड़ित
खतरे में पड़ जायेगा मेरा
सामाजिक पारिवारिक अस्तित्व
रह जाउंगी सिर्फ बोझ भर
देख कितनी समनाता है
तुझमे और मुझमें
दोनों बने सिर्फ कामना पूर्ती के लिए
बचाये रखने को अस्तित्व
चल लगें अपने-अपने काम पर 




रेत होना चाहती हूँ



नहीं रहा हौसला
उम्र भर
टुकड़ा टुकड़ा
बिखरने का
खत्म करके
मन पहाड़
मैं
एक साथ
रेत होना चाहती हूँ
कभी तो बहेगी
तेरे प्रेम की भागीरथी
इस तरफ
और बहा ले जाएगी
अपने साथ
मुझे 


अवैध संबंध 

  

इन बरसों
अपना रिश्ता
सालों से
ड्राइंग की दिवार पर लटकी
दिंवगत तस्वीर सा
झेल रहा
दंश खामोश नफरत का
जिस पर
जम गई
उपेक्षाओं की गर्द
फैली हुई
चारों तरफ
अविश्वास की सीलन
दिन-दिन उतर रही
विश्वास की पपड़ियाँ
बदरंग होते भाव
अन्दर ही अन्दर
खोखली हो रही
प्रेम की फ्रेम  
सारे संवाद चुप
चालित हैं
केवल दृश्य
दो वक़्त
खाने की मेज पर
अचकचाती
झुकी हुई
तुम्हारी  नजरें
स्नेह से खाली
ठंडी सी
मेरी निगाह
हमारे संबंधों की
 इस तस्वीर के पास
टांग लिया जिस रोज से
तुमने अपना नया
अवैध संबंध
न तुम
उतारकर
फैंक पा रहे मुझे
न खुद मैं गिरकर
चटक रही
अजब मजबूरियां

आशा पाण्डेय ओझा


c/o जितेन्द्र पाण्डेय
उपजिला कलक्टर
पिण्डवाडा 307022
जिला सिरोही राजस्थान
07597199995





आशा पाण्डे ओझा

  

  • जन्म स्थान-ओसियां (जोधपुर) 
  • जन्मतिथि-25/10/1970 
  • पिता : श्री शिवचंद ओझा 
  • माता :श्रीमति राम प्यारी ओझा 
  • शिक्षा :एम .ए (हिंदी साहित्य )एल एल .बी। 
  • जय नारायण व्यास विश्व विद्यालया ,जोधपुर (राज .) 
  • 'हिंदी कथा आलोचना में नवल किशोरे का योगदान में शोधरत 
  • प्रकाशित कृतियां 
  • -दो बूंद समुद्र के नाम, एक कोशिश रोशनी की ओर (काव्य), 
  • त्रिसुगंधि (सम्पादन ) 4 ज़र्रे-ज़र्रे में वो है 
  • शीघ्र प्रकाश्य- 
  • -वजूद की तलाश (संपादन), वक्त की शाख से (काव्य), पांखी (हाइकु संग्रह ) 
  • देश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं व इ-पत्रिकाओं में कविताएं ,मुक्तक ,ग़ज़ल 
  • ,क़तआत ,दोहा,हाइकु,कहानी , व्यंग समीक्षा ,आलेख ,निंबंध ,शोधपत्र निरंतर 
  • प्रकाशित 
  • सम्मान -पुरस्कार 
  • कवि तेज पुरस्कार-जैसलमेर,राजकुमारी रत्नावती पुरस्कार-जैसलमेर 
  • ,महाराजा कृष्णचन्द्र जैन स्मृति सम्मान एवं पुरस्कार पूर्वोत्तर हिंदी 
  • अकादमी शिलांग (मेघालय ) साहित्य साधना समिति पाली एवं राजस्थान साहित्यअकादमी उदयपुर द्वारा अभिनंदन ,वीर दुर्गादास राठौड़ साहित्य सम्मानजोधपुर ,पांचवे अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मलेन ताशकंद में सहभागिताएवं सृजन श्री सम्मान ,प्रेस मित्र क्लब बीकानेर राजस्थान द्वारा अभिनंदन,मारवाड़ी युवा मंच श्रीगंगानगर राजस्थान द्वारा अभिनंदन ,साहित्य श्रीसम्मान संत कवि सुंदरदास राष्ट्रीय सम्मान समारोह समिति भीलवाड़ा 
  • राजस्थान ,सरस्वती सिंह स्मृति सम्मान पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी शिलांग 
  • मेघालय ,अंतराष्ट्रीय साहित्यकला मंच मुरादाबाद के सत्ताईसवें 
  • अंतराष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मलेन काठमांडू नेपाल में सहभागिता एवं 
  • हरिशंकर पाण्डेय साहित्य भूषण सम्मान ,राजस्थान साहित्यकार परिषद 
  • कांकरोली राजस्थान द्वारा अभिनंदन ,श्री नर्मदेश्वर सन्यास आश्रम 
  • परमार्थ ट्रस्ट एवं सर्व धर्म मैत्री संघ अजमेर राजस्थान के संयुक्त 
  • तत्वावधान में अभी अभिनंदन ,राष्ट्रीय साहित्य कला एवं संस्कृति परिषद् 
  • हल्दीघाटी द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान ,राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुरएवं साहित्य साधना समिति पाली राजस्थान द्वारा पुन: सितम्बर 2013 में अभिनंदन 
  • रूचि :लेखन,पठन,फोटोग्राफी,पेंटिंग,पर्यटन 
  • संपर्क : 09772288424/07597199995/09414495867 
  • ब्लॉग ashapandeyojha.blogspot.com 
  • पृष्ठ _आशा का आंगन एवं Asha pandey ojha _ sahityakar 
  • ईमेल: asha09.pandey@gmail.com

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही अच्‍छा ब्‍लाग पेश करने के लिए हार्दिक बधाई स्‍वीकार करें।

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