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विनोद शाही की कलाकृति |
(एक)
सोना तपता आग में , और निखरता रूप .
कभी न रुकते साहसी , छाया हो या धूप.
छाया हो या धूप , बहुत सी बाधा आयें .
कभी न बनें अधीर ,नहीं मन में घवराएँ .
'ठकुरेला' कविराय , दुखों से कैसा रोना .
निखरे सहकर कष्ट , आदमी हो या सोना .
(दो)
होता है मुश्किल वही, जिसे कठिन लें मान.
करें अगर अभ्यास तो, सब कुछ है आसान.
सब कुछ है आसान, बहे पत्थर से पानी.
यदि खुद करे प्रयास , मूर्ख बन जाता ज्ञानी.
'ठकुरेला' कविराय , सहज पढ़ जाता तोता.
कुछ भी नहीं अगम्य, पहुँच में सब कुछ होता.
(तीन)
मानव की कीमत तभी,जब हो ठीक चरित्र.
दो कौड़ी का भी नहीं, बिना महक का इत्र.
बिना महक का इत्र, पूछ सदगुण की होती.
किस मतलब का यार,चमक जो खोये मोती.
'ठकुरेला' कविराय ,गुणों की ही महिमा सब.
गुण,अबगुन अनुसार,असुर,सुर,मुनिगन,मानव.
(चार)
पाया उसने ही सदा,जिसने किया प्रयास.
कभी हिरन जाता नहीं, सोते सिंह के पास.
सोते सिंह के पास,राह तकते युग बीते.
बैठे -ठाले व्यक्ति , रहे हरदम ही रीते.
'ठकुरेला' कविराय ,समय ने यह समझाया.
जिसने किया प्रयास ,मधुर फल उसने पाया
हाइकु गीत-सुनो! कबीर..
सुनो ! कबीर
बचाकर रखना
अपनी पोथी ।
सरल नहीं
गंगा के तट पर
बातें कहना ,
घड़ियालों ने
मानव बनकर
सीखा रहना ,
हित की बात
ज़हर सी लगती
लगती थोथी ।
बाहर कुछ
अन्दर से कुछ हैं
दुनिया वाले ,
उजले लोग ,
मखमली कपड़े,
दिल हैं काले ,
सब ने रखी
ताक पर जाकर
गरिमा जो थी ।
त्रिलोक सिंह ठकुरेला
बंगला संख्या-99
रेलवे चिकित्सालय के सामने
आबू रोड-307026 (राजस्थान)
मो-946071426
ई-मेल-trilokthakurela@gmail.com
त्रिलोक सिंह ठकुरेला
- शिक्षा- विद्युत अभियांत्रिकी में डिप्लोमा
- प्रकाशन- नया सवेरा (बाल-साहित्य)
- -काव्यगंधा (कुण्डलिया संग्रह)
- -आधुनिक हिन्दी लघुकथाएँ ( लघुकथा संकलन)
- -कुण्डलिया छंद के सात हस्ताक्षर ( कुण्डलिया संकलन)
- -कुण्डलिया कानन ( कुण्डलिया संकलन)
- सम्मेलनों/ कार्यशालाओं में प्रतिभागिता-कतिपय सम्मेलनों में प्रतिभागिता
- सम्मान/पुरस्कार-राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर (राजस्थान ) द्वारा शम्भूदयाल सक्सेना बाल- साहित्य पुरस्कार
- पंजाब कला साहित्य अकादमी,जालंधर (पंजाब) द्वारा 'विशेष अकादमी पुरस्कार '
- विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ,गांधीनगर (बिहार) द्वारा विद्या वाचस्पति
- हिन्दी साहित्य सम्मलेन,प्रयाग द्वारा 'वाग्विदाम्बर सम्मान'
- निराला साहित्य एवं संस्कृति संस्थान,बस्ती द्वारा 'राष्ट्रीय साहित्य गौरव सम्मान'
- हिन्दी भाषा साहित्य परिषद,खगड़िया (बिहार) द्वारा 'स्वर्ण सम्मान'.साथ ही अन्य अनेक सम्मान
- अन्य प्रासंगिक जानकारी-कुण्डलिया छंद के उन्नयन, विकास और पुनर्स्थापना हेतु कृतसंकल्प एवं समर्पित
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- सम्प्रति-रेलवे में इंजीनियर
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