चित्र गूगल सर्च इंजन से साभार |
जिन्दादिली
देखो प्रिय मैं कहता था ना!
कि ज़िंदगी कितनी
हसीन है।
अगर जिंदा दिली से जियो
तो हर पल ज़िंदगी का
नमकीन हैं ।
आओ बुने रंगीन चादर
एक, रिश्तों के ख़ातिर
जानती हो क्यों,
क्योंकि आज रिश्ते बड़े ही
रंगहीन हैं।
और अब..
जब देखता हूँ पीछे मुड़कर
तुम्हें हँसता हुआ
बिल्कुल करीब अपने तो
महसूस करता हूँ
कि हमारी जिंदगी
अब भी उतनी ही
रंगीन है।
क्यों बेवजह सताएँ किसी को
अपने खातिर
क्या हमारा जीवन खुशियों
से विहीन है ?
चलो प्रिय रोज घूमने
अपने अतीत में
वहाँ बजती खुशियों की
अब भी मनोरम
बीन है..।
और
कुछ पल बैठेंगे बच्चों की
किलकारियों की अपनी
सी छांव में..
जहां हम दोनों अब भी
तमाशबीन है।
देखो प्रिय मैं कहता था ना!
कि ज़िंदगी कितनी
हसीन है।
थोड़ा सा अपनापन
मैं सोचती हूँ जब कभी
कि जब तू रात को मेरी गोदी में
दुबक कर चैन की नींद
सो जाता है
तब तुझे मैं आंशिक रूप से
गोदी में उठाकर
कश्मीर से कन्या कुमारी तक
हर मंदिर में करवाती हूँ दर्शन
और माँगती रहती हूँ तेरे उन्नत
भविष्य की मंन्नत
जब तू सोता है दुबक कर
मेरी गोदी में रात को
आ जाओ अब बैठो मेरे पास
देख लूँ तुझे जी भर,जिससे मैं
जी सकूँ चैन से उम्र भर
क्योंकि मुझे मालूम है कि
संसार की आपा-धापी से तू भी
अछूता नहीं बचेगा
तू स्वस्थ रहे और व्यस्त भी रहे
इन सब के बीच में भी
मैं तलाश लूँगी अपने सकून को
बस डर तो इस बात का है कि
तू कहीं ,पराया न हो जाए
बच्चों का परायापन ही तो
सालता रहता है नासूर की तरह
बूढ़े माँ बाप के कलेजे को
आखिर उन्हें क्या चाहिए ?
धन दौलत नहीं तो बिलकुल नहीं
बस थोड़े से अपनेपन की
उम्मीद करते है माता-पिता अपनी
औलाद से और ज्यादा कुछ नहीं
क्या तू मुझे...?
कल्पना मिश्रा बाजपेई
प्लॉट नंबर 27,
फ़्रेंड्स कॉलोनी,
निकट रामादेवी चौराहा,
चकेरी, कानपुर(उ०प्र०)
ईमेल –kalpna800mb@yahoo.com
कल्पना मिश्रा बाजपेई
- जन्म तिथि- 4 जून-1972
- जन्म स्थान– औरैया (इटवा)
- माता का नाम- स्व- श्रीमती मनोरमा मिश्रा
- पिता का नाम- श्री प्रकाश नारायण मिश्रा
- शिक्षा - एम.ए (हिन्दी) बी.एड
- कर्म क्षेत्र - अध्यापिका
- प्रकाशित कृतियाँ–सारंस समय का साझा संकलन,जीवंत हस्ताक्षर साझा संकलन,
- कानपुर हिंदुस्तान,निर्झर टाइम्स अखबार में,इंडियन हेल्प लाइन
- पत्रिका में लेख,अभिलेख, 'सुबोध सृजन' अंतरजाल पत्रिका में
- हमारी रचनाएँ पढ़ सकते हैं।
- लेखन - स्वतंत्र लेखन
- सम्मान - मुक्तक मंच द्वारा (सम्मान गौरव दो बार )भाषा सहोदरी द्वारा (सहोदरी साहित्य ज्ञान सम्मान)
- साहित्य सृजन -अनेक कवितायें तुकांत एवं अतुकांत,गजल गीत ,नवगीत ,लेख और आलेख,कहानी, लघुकथा इत्यादि ।
- संप्रति- इंटर कॉलेज में अध्यापन कार्य ।
- ईमेल – kalpna800mb@yahoo.com
आभार सर
जवाब देंहटाएंप्रभावशाली प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआ० संजय भास्कर जी आप का बहुत आभार /सादर
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंआभार आ० आनंद विक्रम त्रिपाठी जी
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