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(एक)
कोई दुल्हन सँवरती जब तो दर्पण याद आता है,
बरसता मेघ घन-घन-घन तो प्रियतम याद आता है।
बिछुडने और मिलने में बहुत कुछ सीख जाते हम,
नदी कोई बहकती जब समंदर याद आता है॥
(दो)
गिरें जब शाख से पत्ते शज़र का दिल भी रोता है,
कि सूरज डूबता है जब विरहन का दिल भी रोता है।
सुबह आए, सुबह जाए ये दुनिया फ़र्क ना जाने,
ना आए पिय की गर चिठ्ठी दुल्हन का दिल भी रोता है॥
(तीन)
नई पीढ़ी नए साँचों में ढलना चाहती है,
हवाओं के इशारों पर मचलना चाहती है ।
क्लबों की संस्कृति में डूब कर आनंद लेने को,
नए साजों,नई धुन पर थिरकना चाहती है॥
(चार)
इसे, कैसे बताएं कि किसी से प्यार होता क्यों?
छलकता प्रेम आंखों से फिर आसूं क्षार होता क्यों?
प्यार और पीर का संबंध ये कैसा अज़ब देखो ,
समंदर से ही मिल कर के नदी को खुमार होता क्यों?
डॉ रमा द्विवेदी
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Begumpet ,Hyderabad -500016 (A.P.)
Ph.040- 23404051
(M) 09849021742
डॉ रमा द्विवेदी
- डॉ रमा द्विवेदी का जन्म 1 जुलाई 1953 में हुआ । हिंदी में पी एच डी हैं तथा अवकाश प्राप्त व्याख्याता है । दे दो आकाश ,रेत का समंदर तथा साँसों की सरगम तीन काव्यसंग्रह प्रकाशित तथा `भाव कलश 'ताँका संकलन ,`यादों के पाखी ' हाइकु संकलन ,`आधी आबादी का आकाश ' हाइकु संकलन ,`शब्दों के अरण्य में ' कविता संकलन ,`हिन्दी हाइगा ' हाइकु संकलन ,`सरस्वती सुमन' 'विशेषांक क्षणिकाएँ संकलन ,`अभिनव इमरोज' हाइकु संकलन में रचनाएँ संकलित हैं । `पुष्पक 'साहित्यिक पत्रिका की संपादक तथा साहित्य गरिमा पुरस्कार समिति की महासचिव है । दूर दर्शन हैदराबाद से काव्य पाठ एवं आकाश वाणी से रचनाएँ प्रसारित । राष्ट्रीय -अंतरराष्ट्रीय मंचों से काव्य पाठ । साहित्य गरिमा पुरस्कार,परिकल्पना काव्य सम्मान एवं अन्य कई सम्मानो से सम्मानित । अंतरजाल और देश -विदेश की पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित । कविता कोश में रचनाएँ संकलित । साहित्य की कई विधाओं में लेखन । सर्वे में चयनित -`द सन्डे इंडियंस' साप्ताहिक पत्रिका के 111 श्रेष्ठ महिला लेखिकाओं में चयनित।
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डॉ रमा द्विवेदी .......
जवाब देंहटाएंसुबोध श्रीवास्तव जी आपने मेरे 4 मुक्तक `सुबोध सृजन में प्रकाशित किये ,,,,बहुत -बहुत हार्दिक आभार आपका ,,,,,