समृद्ध साहित्य ही सशक्त समाज का निर्माण करता है..
संस्कार भारती, साहित्य मंच और नगर पंचायत, इगलास के संयुक्त तत्वावधान में 13 फरवरी को बसंत पंचमी पर आयोजित साहित्यिक कार्यक्रम में कवि तोताराम 'सरस' के कुण्डलिया संग्रह 'शिष्टाचारी देश में' का लोकार्पण सुपरिचित कुण्डलियाकार एवं साहित्यकार त्रिलोक सिंह ठकुरेला द्वारा किया गया। पं.शिव दत्त शर्मा की अध्यक्षता में कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। आगरा से पधारीं कवियित्री मीना शर्मा ने सरस्वती वंदना की। त्रिलोक सिंह ठकुरेला ने अपने विचार रखते हुए कहा कि साहित्य मनुष्य जीवन की आवश्यकताओं में से एक है। साहित्य ही सही अर्थों में किसी व्यक्ति को मनुष्य बनाता है तथा समृद्ध साहित्य ही सशक्त समाज का निर्माण करता है।
ग़ाफ़िल स्वामी द्वारा तोताराम 'सरस' के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर ब्रज-भाषा के चर्चित कवि राधागोविंद पाठक और साहित्यकार त्रिलोक सिंह ठकुरेला को साहित्य मंच,इगलास की और से सम्मानित भी किया गया। डॉ. सियाराम वर्मा और पं. शिव दत्त शर्मा द्वारा दोनों साहित्यकारों को माल्यार्पण,शॉलएवं स्मृति-चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। बसंत पंचमी के उपलक्ष्य में आयोजित कवि सम्मलेन में राधागोविंद पाठक,सुनहरी लाल वर्मा 'तुरंत',मनोज फगवाड़वी, प्रदीप पंडित, प्रभुदयाल दीक्षित,मणिमधुकर 'मूसल',मीना शर्मा,मनु दीक्षित, त्रिलोक सिंह ठकुरेला,बनवारी लाल 'पुष्प', श्रीप्रकाश 'सृजन', प्यारे लाल 'शांत', श्याम बाबू 'चिंतन', ग़ाफ़िल स्वामी, ब्रजेश पंडित,तोताराम 'सरस', विजय प्रकाश भारद्वाज, दीपेश 'बिल्टू',प्रमोद गोला, कुमार अनुपम, पुनीत प्रकाश भारद्वाज, आकाश धनकर और डॉ. सियाराम वर्मा ने अपनी रचनाएँ सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। अंत में कार्यक्रम के अध्यक्ष पं. शिव दत्त शर्मा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज बृहस्पतिवार (18-02-2016) को "अस्थायीरूप से चर्चा मंच लॉक" (वैकल्पिक चर्चा मंच अंक-2) पर भी होगी।
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मित्रों।
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तब तक आपके लिंकों का सिलसिला यहाँ
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'