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ताँका कविताएँ..
(एक)
निशा ने कहाभोर द्वारे सजाए
निराशा नहीं
तारक आशा के हैं
चाँद आये न आए ।
(दो)
सूरज कहेऐसा कर दिखाओ
व्याकुल -मना
वीथियाँ हों व्यथित
कभी तुम ना आओ ।
(तीन)
कविता मेरीबस तेरा वन्दन
तप्त पन्थ हों
तप्त पथिक मन
सुखदायी चन्दन |
(चार)
मैं मृण्मयी हूँनेह से गूँथ कर
तुमने रचा
अपना या पराया
अब क्या मेरा बचा |
(पांच)
तुम भी जानोईर्ष्या विष की ज्वाला
फिर क्यूँ भला
नफ़रत को पाला
प्यार को न सँभाला |
(छह)
चाहें न चाहेंहम कहें न कहें
नियति -नटी
बस यूँ ही नचाए
रंग सारे दिखाए ।
सेदोका कविताएँ ...
(एक)
उड़ो परिंदे !पा लो ऊँचे शिखर
छू लो चाँद -सितारे,
अर्ज़ हमारी-
इतना याद रहे
बस मर्याद रहे !
(दो)
जो तुम दोगेवही मैं लौटाऊँगी
रो दूँगी या गाऊँगी ,
तुम्हीं कहो न
बिन रस ,गागर
कैसे छलकाऊँगी ?
(तीन)
सज़ा दी मुझेमेरा क्या था गुनाह
फिर मुझसे कहा
अरी कविता
गीत आशा के ही गा
तू भरना न आह !
(चार)
आई जो भोरबुझा दिए नभ ने
तारों के सारे दिए
संचित स्नेह
लुटाया धरा पर
किरणों से छूकर।
(पांच)
मन -देहरीआहट सी होती है
देखूँ, कौन बोलें हैं ?
आए हैं भाव
संग लिये कविता
मैंनें द्वार खोले हैं ।
(छह)
अकेली चलीहवा मन उदास
कितनी दुखी हुई
साथी जो बने
चन्दन औ' सुमन
सुगंध सखी हुई ।
(सात)
मन से छुआअहसास से जाना
यूँ मैंने पहचाना
मिलोगे कभी
इसी आस जीकर
मुझको मिट जाना ।
(आठ)
बूँद-बूँद कोसमेट कर देखा
सागर मिल गया
मैं सींच कर
खिला रही कलियाँ
चमन खिल गया।
(नौ)
जीवन-रथविश्वास प्यार संग
चलते दो पहिये
समय -पथ
है सुगम ,दुखों की
बात ही क्या कहिए।
(दस)
मेरे मोहनाउस पार ले चल
चलूँगी सँभलके
दे ज्ञान दृष्टि
मिटे अज्ञान सारा
ऐसे मुझे मोह ना ।
कुण्डलियाँ
दिन ने खोले नयन जब ,बड़ा विकट था हाल ,
पवन,पुष्प,तरु ,ताल ,भू ,सबके सब बेहाल |
सबके सब बेहाल ,कुपित कुछ लगते ज्यादा ,
ले आँखों अंगार , खड़े थे सूरज दादा |
घोल रहा विष कौन .गरज कर जब वह बोले ,
लज्जित मन हैं मौन , नयन जब दिन ने खोले || (एक)
नन्हीं बूँदें नाचतीं , ले हाथों में हाथ ,
पुलकित है कितनी धरा ,मेघ सजन के साथ |
मेघ सजन के साथ ,सरस हैं सभी दिशाएँ ,
पवन पत्तियों संग , मगन मन मंगल गाएँ |
अब अँगना के फूल , ठुमक कर नाचें कूदें ,
भिगो गईं मन आज , धरा संग नन्हीं बूँदें ||
जीवन में उत्साह से, सदा रहे भरपूर .
निर्मलता मन में रहे ,रहें कलुष से दूर . (दो)
डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा
एच -604 , प्रमुख हिल्स ,छरवाडा रोडवापी ,जिला - वलसाड
गुजरात (भारत )
पिन - 396191
ईमेल:jyotsna.asharma@yahoo.co.in
sharmajyotsna766@gmail.com
डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा
- जन्म स्थान : बिजनौर (उ0प्र0)
- शिक्षा : संस्कृत में स्नातकोत्तर उपाधि एवं पी-एच0डी0
- शोध विषय : श्री मूलशंकरमाणिक्यलालयाज्ञनिक की संस्कृत नाट्यकृतियों का नाट्यशास्त्रीय अध्ययन |
- प्रकाशन : ‘यादों के पाखी’(हाइकु-संग्रह), ‘अलसाई चाँदनी’ (सेदोका –संग्रह ) एवं ‘उजास साथ रखना ‘(चोका-संग्रह) में स्थान पाया |
- विविध राष्ट्रीय,अंतर्राष्ट्रीय (अंतर्जाल पर भी) पत्र-पत्रिकाओं ,ब्लॉग पर यथा– हिंदी चेतना,गर्भनाल ,अनुभूति ,अविराम साहित्यिकी रचनाकार, सादर इंडिया,उदंती,लेखनी, यादें,अभिनव इमरोज़ ,सहज साहित्य ,त्रिवेणी ,हिंदी हाइकु ,विधान केसरी ,प्रभात केसरी ,नूतन भाषा-सेतु आदि में हाइकु,सेदोका,ताँका ,गीत ,कुंडलियाँ ,बाल कविताएँ ,समीक्षा ,लेख आदि विविध विधाओं में अनवरत प्रकाशन |
- संपर्क: H-604 ,प्रमुख हिल्स ,छरवाडा रोड, वापी जिला- वलसाड , गुजरात (भारत).पिन- 396191
- ईमेल: Jyotsna.asharma@yahoo.co.in
- Sharmajyotsna766@gmail.com
मेरी रचनाओं को यहाँ स्थान देने के लिए हृदय से आभारी हूँ !
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ज्योत्स्ना शर्मा