अवधेश मिश्र की कलाकृति |
माँ के अनगिन रूप (गीत)
जग में परिलक्षित होते हैं
माँ के अनगिन रूप।
माँ जीवन की भोर सुहानी
माँ जाड़े की धूप ।।
लाड़ प्यार से माँ
बच्चों की झोली भर देती ,
झाड़-फूंक करके
सारी बाधाएं हर लेती ,
पा सानिध्य प्यास मिट जाती
माँ वह सुख का कूप।
माँ जीवन का मधुर गीत,
माँ गंगा सी निर्मल,
आशाओं के द्वार खोलता
माता का आँचल,
समय समय पर ढल जाती माँ
बच्चों के अनुरूप।
जग में परिलक्षित होते हैं
माँ का अनगिन रूप।।
पांच हाइकु
(एक)
कोसते रहे
समूची सभ्यता को
बेचारे भ्रूण
(दो)
दौड़ाती रही
आशाओं की कस्तूरी
जीवन भर
(तीन)
नयी भोर ने
फडफढ़ाये पंख
जागीं आशाएं
(चार)
प्रेम देकर
उसने पिला दिए
अमृत घूँट
उसने पिला दिए
अमृत घूँट
(पांच)
थका किसान
उतर आई साँझ
सहारा देने
त्रिलोक सिंह ठकुरेला
बंगला संख्या-99
रेलवे चिकित्सालय के सामने
आबू रोड-307026 (राजस्थान)
मो-946071426
ई-मेल-trilokthakurela@gmail.com
त्रिलोक सिंह ठकुरेला
- शिक्षा-विद्युत अभियांत्रिकी में डिप्लोमा
- प्रकाशन-नया सवेरा (बाल-साहित्य)
- -काव्यगंधा (कुण्डलिया संग्रह)
- -आधुनिक हिन्दी लघुकथाएँ ( लघुकथा संकलन)
- -कुण्डलिया छंद के सात हस्ताक्षर ( कुण्डलिया संकलन)
- -कुण्डलिया कानन ( कुण्डलिया संकलन)
- सम्मेलनों/ कार्यशालाओं में प्रतिभागिता-कतिपय सम्मेलनों में प्रतिभागिता
- सम्मान/पुरस्कार-राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर (राजस्थान ) द्वारा शम्भूदयाल सक्सेना बाल- साहित्य पुरस्कार
- पंजाब कला साहित्य अकादमी,जालंधर (पंजाब) द्वारा 'विशेष अकादमी पुरस्कार '
- विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ,गांधीनगर (बिहार) द्वारा विद्या वाचस्पति
- हिन्दी साहित्य सम्मलेन,प्रयाग द्वारा 'वाग्विदाम्बर सम्मान'
- निराला साहित्य एवं संस्कृति संस्थान,बस्ती द्वारा 'राष्ट्रीय साहित्य गौरव सम्मान'
- हिन्दी भाषा साहित्य परिषद,खगड़िया (बिहार) द्वारा 'स्वर्ण सम्मान'.साथ ही अन्य अनेक सम्मान
- अन्य प्रासंगिक जानकारी-कुण्डलिया छंद के उन्नयन, विकास और पुनर्स्थापना हेतु कृतसंकल्प एवं समर्पित
- ब्लॉग-www.triloksinghthakurela.blogspot.com
- सम्प्रति-रेलवे में इंजीनियर
- संपर्क-बँगला संख्या-99,रेलवे चिकित्सालय के सामने, आबू रोड, सिरोही, राजस्थान-307026 ( भारत)
- फोन/ फैक्स-02974221422/ 09460714267/ 07891857409
- ई-मेल-trilokthakurela@gmail.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें