चित्र गूगल सर्च इंजन से साभार |
पावन अपना प्यार
आँखों का काजल हुआ,तीखा नयन कटार।
उतरी पी के चित्त में,पाया नेह अपार।।
सरहद के इस पार या,सरहद के उस पार।
अम्न-पसंद अवाम है,सियासतें मक़्कार।।
क्यों होता भयभीत मन,संबल रख तू साथ।
सत्य-डगर पर चल पथिक,रक्षक हैं रघुनाथ।।
चाँद बिना कटती नहीं,सीली-सीली रात।
तारों से हो गुफ़्तगू,आँखों से बरसात।।
पोथी में ही रह गया,मानवता का पाठ।
जिसको देखो कर रहा,सोलह दूनी आठ।।
पल-पल तेरा रूठना,पल-पल में मनुहार।
गुस्से में भी प्यार है,अँसुवन झरे दुलार।।
रोशन जुगनू-सा रहे,कितना हो अँधियार।
मंदिर के इक दीप-सा,पावन अपना प्यार।।
दौलत-दंभ निगल गए,सत्य-भरोसा-प्यार।
शक़ की दीमक खा गई,रिश्तों का आधार।।
दिल की पतिया बाँच लो,तुम जो मेरे मीत।
हर धड़कन संगीत हो, साँस-साँस हो गीत।।
ना पैरों नीचे धरा,ना सर पर आकास।
उजड़े-उजड़े दिन लगें,रातें लगें उदास।।
माँ ने मुझको दे दिया,जो था उसके पास।
त्याग-नेकियाँ-सादगी,अपनी पूँजी ख़ास।।
ग़ुल-ख़ुशबू के संग-सा,तेरा मेरा प्यार।
महक रहा लोबान-सा,रूहानी इक़रार।।
नित पौ-बारह कर रहे,नेता और दलाल।
ख़ून-पसीना एक कर,श्रमिक रहें बदहाल।।
लहर-लहर बहती रही,मेरे मन में प्रीत।
मैं बिरहा गाती रही,ओ मेरे मनमीत॥
यहाँ भेड़ की खाल में,असली रँगे सियार।
खंजर घोंपा पीठ में,समझा जिनको यार।।
सुशीला शिवराण
बदरीनाथ–813,
जलवायु टॉवर्स सेक्टर-56,
गुड़गाँव–122011
दूरभाष–09873172784
ईमेल-sushilashivran@gmail.com
सुशीला शिवराण
- जन्म : 28 नवंबर 1965 (झुंझुनू,राजस्थान)
- शिक्षा : बी.कॉम.,दिल्ली विश्वविद्यालय, एम.ए. (अंग्रेज़ी) राजस्थान विश्वविद्यालय, बी.एड.,मुंबई विश्वविद्यालय।
- पेशा : अध्यापन। पिछले तेईस वर्षों से मुंबई, कोचीन, पिलानी,राजस्थान और दिल्ली में शिक्षण। वर्तमान समय में गुड़गाँव में शिक्षणरत।
- रुचि : हिन्दी साहित्य, कविता पठन और लेखन में विशेष रुचि। स्वरचित कविताएँ कई पत्र-पत्रिकाओं – हरियाणा साहित्य अकादमी की ‘हरिगंधा’, अभिव्यक्ति–अनुभूति, नव्या, अपनी माटी, सिंपली जयपुर, कनाडा से निकलने वाली ‘हिंदी चेतना’, नेपाल से निकलने वाली ‘नेवा’ सृजनगाथा.कॉम, आखर कलश, राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी की बीकानेर की जागती जोत, हाइकु दर्पण, दैनिक जागरण और अमेरिका में प्रकाशित समाचार पत्र ‘यादें’ में प्रकाशित। हाइकु, ताँका और सेदोका संग्रहों में भी रचनाएँ प्रकाशित।
- हरेराम समीप द्वारा संपादित दोहा कोश में दोहे प्रकाशित।
- नेपाल से निकलने वाली ‘शब्द संयोजन’ में कविताएँ नेपाली भाषा में अनूदित और प्रकाशित
- जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल एवं बीकानेर साहित्य एवं कला उत्सव में एक रचनाकार के रुप में काव्यपठ तथा वक्तव्य।
- ऑल इंडिया रेडियो पर अनेक बार कविता पाठ, दूरदर्शन पर दोहा-गोष्ठी में दोहों का वाचन
- २३ मई २०११ से ब्लॉगिंग में सक्रिय। इसके अतिरिक्त खेल और भ्रमण प्रिय। वॉलीबाल में दिल्ली राज्य और दिल्ली विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व।
- ब्लॉग: www.sushilashivran.blogspot.in
- संपर्क: बदरीनाथ–813, जलवायु टॉवर्स सेक्टर-56,गुड़गाँव–122011
- दूरभाष: 09873172784
- ईमेल: sushilashivran@gmail.com
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