कमला कृति

बुधवार, 11 जुलाई 2018

परिक्रमा: मानव संसाधन विकास के नए आयाम’ पुस्तक लोकार्पित


डॉ. मोहसिन उद्दीन की पुस्तक “मानव संसाधन विकास के नए आयाम : भारतीय 
परिप्रेक्ष्य” का लोकार्पण

           
          काचिगुड़ा (हैदराबाद) स्थित बद्रुका कॉलेज के सभाकक्ष में बुधवार को हिंदी अध्यापकों और लेखकों की संस्था ‘हिंदी हैं हम विश्व मैत्री मंच’ की साहित्यिक सभा आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता प्रो. शकुंतला रेड्डी ने की तथा संयोजन डॉ. रियाजुल अंसारी ने किया। मुख्य अतिथि प्रो. ऋषभदेव शर्मा ने एनआईआरडी में वरिष्ठ प्रोजेक्ट फ़ैकल्टी के रूप में कार्यरत डॉ. मोहसिन उद्दीन की सद्य:प्रकाशित पुस्तक “मानव संसाधन विकास के नए आयाम : भारतीय परिप्रेक्ष्य” को लोकार्पित किया। लोकार्पण वक्तव्य में प्रो. शर्मा ने कहा कि यह पुस्तक प्रबंधन जैसे आधुनिक विषय पर स्तरीय पाठ्यपुस्तकों के अभाव की पूर्ति का एक सफल प्रयास है। उन्होंने प्रत्येक अध्याय में सम्मिलित वास्तविक समस्याओं के अध्ययन और उससे जुड़े अभ्यासों के समावेश की विशेष प्रशंसा की।

             इस अवसर पर डॉ. ऋषभदेव शर्मा के 62वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में उनकी चर्चित स्त्रीवादी काव्यकृति ‘देहरी’ के राजस्थानी अनुवाद की पांडुलिपि अनुवादिका डॉ.मंजु शर्मा द्वारा उन्हें भेंट की गई। मंच की ओर से अतिथियों का स्वागत-सत्कार डॉ. विद्याधर, डॉ. राजेश अग्रवाल, डॉ. पूर्णिमा शर्मा, डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा, डॉ. संध्या दास और शीला इंगले ने किया। समारोह को जीवंत बनाने में चिरक इंटरनेशनल स्कूल की छात्राओं के विचारोत्तेजक प्रश्नों की विशेष भूमिका रही। डॉ. सुषमा, डॉ. बी एल मीणा, डॉ. प्रभा कुमारी, डॉ. सुपर्णा बंद्योपाध्याय, डॉ. सीमा मिश्रा, अशोक तिवारी, फ़ौजिया बेगम, वुल्ली कृष्णा और जयदीप मुखर्जी आदि ने हिंदी भाषा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर इस चर्चा में सक्रिय भागीदारी निभाई ।  


प्रस्तुति : डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा


सह-संपादक : ‘स्रवंति’,
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा,
हैदराबाद-500004.

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (14-07-2018) को "सहमे हुए कपोत" (चर्चा अंक-3032) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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