कमला कृति

बुधवार, 18 जुलाई 2018

सबरंग: 'ख्वाबों के पैरहन' का लोकार्पण


'ख्वाबों के पैरहन' का लोकार्पण करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार गंगा प्रसाद विमल ।

       
       " संयुक्त उपन्यास लेखन विधा में यह उपन्यास जरूरी दखल रखता हुआ लेखिका बहनो संतोष श्रीवास्तव और प्रमिला  वर्मा द्वारा लिखा गया निश्चित ही अपनी विशेषताओं से पाठकों को  आकर्षित करेगा ।" ये वाक्य विश्व पुस्तक मेले के लेखक मंच पर ख्वाबों के पैरहन का लोकार्पण करते हुए मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार गंगा प्रसाद विमल ने अपने वक्तव्य में कहे ।

        कार्यक्रम उपन्यास के प्रकाशक किताब वाले पब्लिकेशन द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष मशहूर साहित्यकार दिविक रमेश ने भी उपन्यास के प्रति शुभकामनाएं व्यक्त की तथा उपस्थित श्रोताओ को  उपन्यास का समर्पण पढ़कर सुनाया। "औरत के लिए ......जिसका कभी कुछ नहीं होता ,मगर रच देती है संसार नया।" उन्होंने इस समर्पण की प्रशंसा की । अपने वक्तव्य में संतोष श्रीवास्तव ने जहां एक ओर उपन्यास की रचना प्रक्रिया का और उसके पात्रों के साथ खुद को ढाल लेने का रोचक वर्णन किया वहीं दूसरी ओर प्रमिला वर्मा ने बताया कि "उपन्यास के 16 अध्याय में से 8 मैंने और 8 संतोष ने लिखे । जबकि हम कहानी बिल्कुल डिस्कस नहीं करते थे।" कार्यक्रम का संचालन दिल्ली के करोडीमल कॉलेज के प्रोफेसर संजय वर्मा ने किया।

          समारोह में वर्धा से आये महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्व विश्वविद्यालय वर्धा के डीन डॉ अंकित, झांसी से आए साकेत सुमन चतुर्वेदी, मुम्बई से आए वरिष्ठ पत्रकार लेखक हरीश पाठक, शिमला से आए एस आर हरनोट, प्रेम जनमेजय ,गिरीश पंकज ,प्रभा सिंह ,मातृभारती से जयेश खत्री ,रायपुर से मधु सक्सेना ,नीरजा शर्मा सभी की गरिमामयी उपस्थिति में कार्यक्रम संपन्न हुआ।

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